Moral short stories in hindi
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Short Moral Stories in Hindi :- दोस्तों जीवन में हमेशा उत्साहित रहना चाहिए , परिस्थिति चाहे जैसी भी हो हमे उससे विचलित नहीं होना चाहिए और हमेशा आगे बढ़ने का प्रयास करना चाहिए । दोस्तों , zindigi में उतार-चढ़ाव हमेशा आते रहेंगे , अगर रात हुई है तो दिन भी होगा ये हमे नहीं भूलना चाहिए । हमे बस बिना थके-हारे अपने मंजिल के और ध्यान देना चाहिए । जब हम असफल होते हैं तो सभी लोग हमे उपदेश देते हैं , पर जब हम सफल हो जाते हैं तो वही लोग हमे शुभकामना संदेश भेजते हैं , इसलिए हमे दूसरों के बातों पर ध्यान ना  देकर  अपने सपनों को साकार करने पर ध्यान देना चाहिए ।

 

1. संगीत का सपना:  एक छोटी सी दुकान

 

शुरुआत: छोटी सी दुकान, बड़े सपने

अर्जुन एक साधारण छात्र था, जो अपने छोटे से गाँव में रहता था। उसका सपना था कि वह संगीत के क्षेत्र में कुछ करें। उसने एक छोटी सी दुकान की शुरुआत की, जहां वह संगीतीय उपकरण बेचता था।

असफलता के दिन: आशा की किरण

अर्जुन की दुकान को पहले कुछ हफ्ते में कोई ध्यान नहीं दिया। उसने अपने सपने को पूरा करने के लिए लगन और मेहनत की, लेकिन उसे नुकसान उठाना पड़ा।

संघर्ष की यात्रा: उच्चारण की जीत

अर्जुन ने हार नहीं मानी। उसने अपनी दुकान का प्रचार pamplet , इंटरनेट के माध्यम से करने लगा । उसने यूट्यूब पर अपना एक चैनल खोला और उसमे विडिओ डालना शुरू  किया जो उसके काम से संबंधित था । पहले तो कोई ग्राहक आकृष्ट नहीं हुआ , लेकिन धीरे-धीरे उसका यूट्यूब चैनल पर लोग आने लगे , जिससे उसे काफी लोकप्रियता मिलना  शुरू हुई ।  इस कारण से उसके दुकान पर धीरे-धीरे  भीड़ होने लगी और उसकी दुकान चल पड़ी ।

उत्कृष्टता की दिशा: सपनों को अंत तक ले जाना

अंत में, अर्जुन ने अपने सपने को पूरा किया। उसकी छोटी सी दुकान अब एक बड़ी संगीतीय उपकरण चेन स्टोर बन गई थी।

समापन: सपनों की शक्ति

सपनों को पूरा करने की शक्ति हर किसी के पास है। अर्जुन की कहानी हमें यह याद दिलाती है कि किसी भी मुश्किल से निपटने की क्षमता हममें होती है, जब हम अपने सपनों के पीछे लगते हैं और उसे पाने के लिए मेहनत करते हैं तो  हमे कामयाब होने से कोई नहीं रोक सकता ।

2. कहानी: सपनों की उड़ान

किसी गाँव में एक छोटा सा लड़का  था। उसका सपना था कि वह  बड़ा होकर  एक दिन डॉक्टर बने। लेकिन उसके परिवार की आर्थिक स्थिति उसके इस सपने को पूरा करने में रुकावट बन रही थी। लड़के के पिताजी एक साधारण किराने की दुकान चलाते थे, और परिवार का वही काम करता रहता था।

हालांकि, इस लड़के के मन में एक जज्बा था, जो उसे अपने सपनों की ओर अग्रसर करता रहा। वह रोज़ शाम को एक पुरानी पुस्तकालय में जाकर पढ़ाई करता, अपने सपनों की ओर बढ़ता था। वह जानता था कि सफलता का रास्ता कठिन है, लेकिन उसने अपने सपने को हासिल करने का निर्णय किया था।

एक दिन, उसके पास एक मौका आया। एक बड़े अखबार ने विद्यालय के लिए छात्रावास प्रवेश परीक्षण एवं स्कालर्शिप  का आयोजन किया था। लड़के के मन में खुशी का उत्साह उमड़ आया। वह जानता था कि यह मौका उसके सपने की पहली क़दम है।

परीक्षा के दिन, लड़का ने पूरी तैयारी की और मेहनत के साथ प्रवेश परीक्षण में भाग लिया। उसका मन अपने  सपनों की ओर लगा हुआ था। परीक्षा के बाद, लड़का को लगा कि उसने सब कुछ बहुत अच्छे से किया है।

फिर आया वो दिन, जब परीक्षा के परिणाम घोषित किए गए। लड़के  ने अपने नाम की खोज की, और जब उसने देखा कि उसका नाम सूची में शामिल है, तो उसकी आँखों में आंसू आ गए। उसे उच्चतर शिक्षा हेतु स्कालर्शिप एवं उच्च शिक्षा हेतु विद्यालय में प्रवेश के साथ साथ हॉस्टल की सुविधा भी मिल चुकी थी ।  उसका सपना था कि वह अच्छे विद्यालय में पढ़े, और अब वह उसे हासिल कर चुका था।

लड़का ने अपने परिवार को अपनी सफलता की खुशख़बरी सुनाई, और सभी खुश हो गए। वह अब बड़े विद्यालय में पढ़ाई के लिए तैयार था, और अपने सपनों की ओर बढ़ता रहा। लड़के ने हॉस्टल में अपनी पढ़ाई जारी रखी और डॉक्टर बनने के लिए मेहनत करता रहा । फिर एक दिन ऐसा भी आया जब वो एमबीबीएस में admission टेस्ट पास कर ली और डॉक्टर बनने का उसका सपना साकार हो चला  था ।

इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि सपनों की पुष्टि के लिए मेहनत करना जरूरी है। हालांकि, अगर हम अपने सपनों को पूरा करने के लिए मेहनत करें, तो हमें सफलता अवश्य मिलेगी।

 

3. गाय और कौवे की कहानी 

एक समय की बात है, एक छोटे गाँव में एक छोटा सा गाय रहता था। उसका नाम छोटू था। छोटू बहुत ही खुशनुमा और प्यारा बच्चा था। वह हमेशा  खेलता और मस्ती करता रहता था।

एक दिन, छोटू को गाँव के बाहर चलना पड़ा जहाँ उसे अपने खाने के लिए खुरचा लाना था। रास्ते में उसने एक बड़े पेड़ के नीचे एक छोटा सा कौआ देखा। वह कौए के पास गया और उसे खाने के लिए कुछ खाने के लिए दिया।

कौआ बहुत खुश हो गया और छोटू का धन्यवाद किया। उसने कहा, “धन्यवाद, छोटू! मैं तुम्हें कभी भूल नहीं पाऊंगा।” छोटू भी बहुत खुश था कि उसने किसी की मदद की और वह इस दुनिया में किसी का काम आया।

इसके बाद से, छोटू और कौआ एक-दूसरे के दोस्त बन गए। हर रोज़, वे एक-दूसरे के साथ खेलते और मिलकर मस्ती करते थे। उनकी दोस्ती देखकर गाँव के लोग भी हैरान रह गए क्योंकि गाय और कौआ के बीच में कोई रिश्ता नहीं होता था।

यह कहानी हमें यह सिखाती है कि दोस्ती कोई भी रंग, जाति, इत्यादि के हो सकते हैं। अच्छे दोस्त हमेशा एक-दूसरे की मदद करते हैं और साथ में खुशियाँ बाँटते हैं। इसलिए, हमेशा दुसरों की मदद करें और नेकी का रास्ता चुनें।

यह कहानी हमें यह भी सिखाती है कि हमेशा अच्छे कर्म करने से ही हमें सच्चा दोस्त मिलता है। और सच्चे दोस्त के साथ हमेशा जिंदगी खुशियों से भरी रहती है।

इस दुनिया में सच्चे और नेक दोस्त मिलना बहुत ही मुश्किल है, लेकिन जब हमें मिलता है, तो हमारी जिंदगी का हर पल खुशियों से भरा होता है।

इसलिए, हमेशा दोस्तों के साथ अच्छे और नेक रहें और उनके साथ अपनी जिंदगी की सभी खुशियों को बाँटें।

 

हमलोग ने ये देखा कि zindigi में कुछ करना है तो हमे अपने अंदर उसे पूरा करने का जज्बा बरकरार रखना होगा , हमेशा उत्साहित रहना होगा , दूसरों से  बिना कोई भेद-भद किये उनकी मदद करनी होगी । अगर हम ज़िंदगी में आगे बढ़ना चाहते हैं तो हमे अपने लक्ष्य से काभी भी पीछे नहीं हटना चाहिए , और प्रयास काभी नहीं छोड़नी चाहिए । 

 

 

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